श्रीरामरक्षास्तोत्रम् || Sri Ram Raksha Stotra

बुधकौशिक ऋषि प्रोक्त श्रीरामरक्षास्तोत्र || Sri Ram Raksha Stotra by Rishi BudhaKoushika श्रीरामरक्षास्तोत्रम्              ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य । बुधकौशिक ऋषिः । श्रीसीतारामचन्द्रो देवता । अनुष्टुप् छन्दः । सीता शक्तिः । श्रीमद् हनुमान कीलकम् । श्रीरामचन्द्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः ॥     अथ ध्यानम् । ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपद्मासनस्थं      पीतं वासो वसानं नवकमलदलस्पर्धिनेत्रं प्रसन्नम् । …

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सुवर्ण प्राशन || Swarna Prashan || Suvarna Prashan || Best Ancient Ayurvedic Immunization Method

Suvarna Prashan || Best Ancient Ayurvedic Immunization Method ■ सुवर्णप्राशन क्या है ? सुवर्णप्राशनं ह्येतत् मेधाग्निबलवर्धनम् ।आयुष्यं मङ्गलं पुण्यं वृष्यं वर्ण्यं ग्रहापहम् ।।मासात् परममेधावी व्याधिभिर्नच धृष्यते ।षड्भिर्भासैः श्रुतधरः सुवर्णप्राशनाद् भवेत् ।। (काश्यप संहिता, सूत्र स्थान) Suvarna Prashan || Ancient Ayurvedic Immunization यह सुवर्ण प्राशन शिशुओं में मेधा, अग्नि तथा वल की वृद्धि करता है । …

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How to do remedy of Shani Sade sati || Shani sade sati remedy 2023 || शनि साढ़े साती का उपाय २०२३ || I Seek I Study

Shani sade sati remedy 2023 || शनि साढ़े साती का उपाय २०२३ || I Seek I Study जब अपनी जन्म राशि से बारहवें स्थान में शनि ग्रह का गोचर होता है , तब से लेकर ७.५ साल तक समय को साधारणतः शनि की साढ़े साती कहते हैं । इस साढ़े साती (७.५ साल) के समय …

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गुरु कैसा हो ?

अन्त : करणकी शुद्धिके अनुसार ज्ञानके अधिकारी तीन प्रकारके होते हैं— उत्तम , मध्यम और कनिष्ठ । उत्तम अधिकारीको श्रवणमात्रसे तत्त्वज्ञान हो जाता है । मध्यम अधिकारीको श्रवण , मनन और निदिध्यासन करनेसे तत्त्वज्ञान होता है । कनिष्ठ अधिकारी तत्त्वको समझनेके लिये भिन्न – भिन्न प्रकारकी शंकाएँ किया करता है । उन शंकाओंका समाधान करनेके …

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अमृतसञ्जीवन धन्वन्तरिस्तोत्रम् । AmrutaSanjeevan Dhanwantari Stotram

अमृतसञ्जीवन धन्वन्तरिस्तोत्रम् नमो नमो विश्वविभावनायनमो नमो लोकसुखप्रदाय ।नमो नमो विश्वसृजेश्वरायनमो नमो नमो मुक्तिवरप्रदाय ॥ १॥ नमो नमस्तेऽखिललोकपायनमो नमस्तेऽखिलकामदाय ।नमो नमस्तेऽखिलकारणायनमो नमस्तेऽखिलरक्षकाय ॥ २॥ नमो नमस्ते सकलार्त्रिहर्त्रेनमो नमस्ते विरुजः प्रकर्त्रे ।नमो नमस्तेऽखिलविश्वधर्त्रेनमो नमस्तेऽखिललोकभर्त्रे ॥ ३॥ सृष्टं देव चराचरं जगदिदं ब्रह्मस्वरूपेण तेसर्वं तत्परिपाल्यते जगदिदं विष्णुस्वरूपेण ते ।विश्वं संह्रियते तदेव निखिलं रुद्रस्वरूपेण तेसंसिच्यामृतशीकरैर्हर महारिष्टं चिरं जीवय ॥ ४॥ …

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भगवती स्वधा देवी का पूजन और स्तोत्र (अर्थ सहित)

भगवती स्वधा देवी का पूजन और स्तोत्र श्रीमद्देवीभागवत के नवम स्कन्द में भगवती स्वधा देवी का दिव्य उपाख्यान एवं पूजन विधि तथा स्तोत्र का वर्णन है । स्वधा देवी ही पितरों तक कव्य पहुंचाती हैं और तृप्ति प्रदान करती हैं । आयें इस विषय का स्वाध्याय करते हैं । नारदजी बोले-  वेदवेत्ताओं में श्रेष्ठ हे …

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श्री देवी अपराध क्षमापन स्तोत्र (अर्थ सहित)

श्री देवी अपराध क्षमापन स्तोत्र (अर्थ सहित) न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो  न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः ।  न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं  परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥ १ ॥  माँ ! मैं न मन्त्र जानता हूँ , न यन्त्र ; अहो ! मुझे स्तुतिका …

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दशविध ब्राह्मण (दश प्रकार के ब्राह्मण) [अत्रिस्मृति अनुसार]

देव , मुनि , द्विज , राजा , वैश्य , शूद्र , निषाद , पशु , म्लेच्छ , चांडाल यह दश प्रकार के ब्राह्मण कहे हैं । जो प्रतिदिन संध्या , स्नान , जप , होम , देवपूजा, अतिथिकी सेवा और जो वैश्वदेव करते है उनको “ देव ” ब्राह्मण कहते हैं अर्थात् इन सब कर्मों के …

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