Daily 10 verses Shrimad Bhagavad Gita reading Day 3 || I Seek I Study

Daily 10 verses Shrimad Bhagavad Gita reading Day 3 || I Seek I Study श्रीमद्भगवद्गीता स्वाध्यायदिवस ३ श्रीकृष्ण परमात्मने नमः श्रीकृष्ण प्रीति , भगवत् प्रेम एवं कृपा प्राप्ति तथा जगत कल्याणके उद्देश्य से , मैं (अपना गोत्र और नाम), आज गीता के १० श्लोकों का पाठ कर रहा हूं । ध्यानम् :-पार्थाय प्रतिबोधितां भगवता नारायणेन …

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Daily 10 verses Shrimad Bhagavad Gita reading Day 2 || I Seek I Study

Daily 10 verses Shrimad Bhagavad Gita reading Day 2 श्रीमद्भगवद्गीता स्वाध्यायदिवस २ श्रीकृष्ण परमात्मने नमः श्रीकृष्ण प्रीति , भगवत् प्रेम एवं कृपा प्राप्ति तथा जगत कल्याणके उद्देश्य से , मैं (अपना गोत्र और नाम), आज गीता के १० श्लोकों का पाठ कर रहा हूं । ध्यानम् :-पार्थाय प्रतिबोधितां भगवता नारायणेन स्वयंव्यासेन ग्रथितां पुराणमुनिना मध्ये महाभारतं …

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Daily 10 verses Shrimad Bhagavad Gita reading Day 1 || I Seek I Study

Daily 10 verses Shrimad Bhagavad Gita reading Day 1 श्रीमद्भगवद्गीता स्वाध्यायदिवस १ श्रीकृष्ण परमात्मने नमः श्रीकृष्ण प्रीति , भगवत् प्रेम एवं कृपा प्राप्ति तथा जगत कल्याणके उद्देश्य से , मैं (अपना गोत्र और नाम), आज गीता जी के १० श्लोकों का पाठ कर रहा हूं । ध्यानम् :-पार्थाय प्रतिबोधितां भगवता नारायणेन स्वयंव्यासेन ग्रथितां पुराणमुनिना मध्ये …

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योगबल से शरीर त्याग कैसे हो ? How to leave body by Yoga

योगबल से कैसे शरीर त्यागना है उसको गीता में भगवान बताते हैं । प्रयाणकाले मनसाऽचलेन भक्त्या युक्तो योगबलेन चैव। भ्रुवोर्मध्ये प्राणमावेश्य सम्यक् स तं परं पुरुषमुपैति दिव्यम्।।8.10।। अर्थात् :- प्रयाण के समय मनके द्वारा अचल भाव से भक्तिसे युक्त योगबल के द्वारा , भौहों के मध्यमें सम्यक रूपसे प्राण को आविष्ट करके उस परम दिव्य …

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सोऽहं हंसः (शिव महापुराण से) Soham Hamsah

हे वामदेव ! अब मैं आपके स्नेहवश ‘ हंस ‘ इस पदमें स्थित इसके प्रतिलोमात्मक प्रणव मन्त्रका उद्भव कहता हूँ , आप सावधानीपूर्वक सुनें | हंस – इस मन्त्रका प्रतिलोम करनेपर ‘ सोऽहम् ‘ ( पद सिद्ध होता है । ) इसके सकार एवं हकार – इन दो वर्णोंका लोप कर देनेपर स्थूल ओंकारमात्र शेष …

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सच्चा उपवास Real Fasting

सच्चा उपवास Real Fasting महाभारत अनेक शिक्षाओं और जीवन संबंधी गूढ़ रहस्यों से भरा हुआ है जो सर्वदा जीवन को देखने का एक नया दृष्टिकोण देता है । ऐसे ही उपवास के विषय में गंगापुत्र भीष्म एवं धर्मराज युधिष्ठिर के बीच हुए वार्तालाप का एक छोटा अंश प्रस्तुत है जिससे सच्चा उपवास क्या होता है, …

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भगवती स्वधा देवी का पूजन और स्तोत्र (अर्थ सहित)

भगवती स्वधा देवी का पूजन और स्तोत्र श्रीमद्देवीभागवत के नवम स्कन्द में भगवती स्वधा देवी का दिव्य उपाख्यान एवं पूजन विधि तथा स्तोत्र का वर्णन है । स्वधा देवी ही पितरों तक कव्य पहुंचाती हैं और तृप्ति प्रदान करती हैं । आयें इस विषय का स्वाध्याय करते हैं । नारदजी बोले-  वेदवेत्ताओं में श्रेष्ठ हे …

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श्री देवी अपराध क्षमापन स्तोत्र (अर्थ सहित)

श्री देवी अपराध क्षमापन स्तोत्र (अर्थ सहित) न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो  न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः ।  न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं  परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥ १ ॥  माँ ! मैं न मन्त्र जानता हूँ , न यन्त्र ; अहो ! मुझे स्तुतिका …

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इन्द्र कृत सुरभि स्तुति (श्रीमद्देवीभागवत से)

इन्द्र कृत सुरभि स्तुति (श्रीमद्देवीभागवत से) एक समयकी बात है , वाराहकल्पमें भगवान् विष्णुकी मायासे देवी सुरभिने तीनों लोकोंमें दूध देना बन्द कर दिया , जिससे समस्त देवता आदि चिन्तित हो गये । ब्रह्मलोकमें जाकर उन्होंने ब्रह्माकी स्तुति की , तब ब्रह्माजीकी आज्ञासे इन्द्र सुरभिकी स्तुति करने लगे ॥ पुरन्दर उवाच  नमो देव्यै महादेव्यै सुरभ्यै …

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देवता और पितरों का श्राद्धान्न ग्रहण करके अजीर्ण होना और उसका निवारण संबंधी उपाख्यान (महाभारत से)

भीष्मजी कहते हैं – युधिष्ठिर ! इस प्रकार जब महर्षि निमि सबसे पहले श्राद्धमें प्रवृत्त हुए , उसके बाद सभी महर्षि शास्त्रविधिके अनुसार पितृयज्ञका अनुष्ठान करने लगे ॥ सदा धर्ममें तत्पर रहनेवाले और नियमपूर्वक व्रत धारण करनेवाले महर्षि पिण्डदान करनेके पश्चात् तीर्थके जलसे पितरोंका तर्पण भी करते थे ॥ भारत ! धीरे – धीरे चारों वर्णोंके …

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