Glory of Srimad Bhagavad Gita (Part 2) (As mentioned in “ShriVaishnaviya TantraSaara) || श्रीमद्भगवद्गीता महात्म्य (भाग २)[श्रीवैष्णवीय तन्त्रसारोक्त ]

Glory of Srimad Bhagavad Gita (Part 2) || श्रीमद्भगवद्गीता महात्म्य (भाग २) जहाँ पर गीता की पुस्तक रहती है एवं नित्य उसका पाठ होता है , उसी स्थान पर प्रयागादि भूतल के सारे तीर्थ विद्यमान रहते हैं ।।४० ।। देहरक्षक समुदाय देवगण , ऋषिगण एवं योगिगण ( गीता पाठ करने वालों के ) देह में …

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